प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 12 जून, 2024 को मुंबई और पुणे में 19 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया, जो धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत था। यह तलाशी अभियान ‘फेयरप्ले’ (thefairplay.io) मामले में चल रही जांच का हिस्सा था, जिसमें क्रिकेट मैचों, विशेष रूप से आईपीएल, और लोकसभा चुनाव 2024 के परिणामों सहित विभिन्न ऑनलाइन सट्टेबाजी गतिविधियों का अवैध प्रसारण शामिल था।
इस तलाशी अभियान के दौरान, नकदी, बैंक फंड, डीमैट खाता होल्डिंग्स और लग्जरी घड़ियों के रूप में लगभग ₹8 करोड़ की चल संपत्ति जब्त की गई। इसके साथ ही, विभिन्न अन्य आपत्तिजनक दस्तावेजों और डिजिटल उपकरणों को भी फ्रीज कर दिया गया।
ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि वायकॉम18 मीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने मेसर्स फेयरप्ले स्पोर्ट एलएलसी और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 और कॉपीराइट अधिनियम, 1957 की विभिन्न धाराओं के तहत 100 करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व का नुकसान पहुंचाने के लिए मामला दर्ज किया है।
ईडी की जांच में यह खुलासा हुआ कि फेयरप्ले ने दुबई और कुराकाओ में स्थित विदेशी संस्थाओं के माध्यम से मशहूर हस्तियों का प्रतिनिधित्व करने वाली भारतीय एजेंसियों के साथ समझौते किए थे। यह पाया गया कि इन एजेंसियों ने फेयरप्ले के संबंध में कोई उचित परिश्रम नहीं किया था। इसके अलावा, आज तक की गई जांच से यह भी पता चला है कि फेयरप्ले ने विभिन्न फर्जी और शेल बैंक खातों के माध्यम से धन एकत्र किया, जो बाद में शेल संस्थाओं के बैंक खातों के जटिल जाल के माध्यम से स्तरित हुए और फिर फर्जी बिलिंग में शामिल फार्मा कंपनियों में जमा हो गए। इन कंपनियों से धन को हांगकांग एसएआर, चीन और दुबई में स्थित विदेशी शेल संस्थाओं में ले जाया गया है।
इन उद्देश्यों के लिए शेल संस्थाओं के 400 से अधिक बैंक खातों का उपयोग किया गया, जिनकी जांच ईडी द्वारा जनता से एकत्र किए गए धन के अनुरेखण और उपयोग के साथ की जा रही है। ईडी के अधिकारी ने कहा, “मामले में आगे की जांच जारी है।”
यह तलाशी अभियान और जब्ती भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि यह ऑनलाइन सट्टेबाजी और धन शोधन के खिलाफ उनकी कड़ी कार्रवाई को दर्शाता है। इसके साथ ही, यह मामला दर्शाता है कि किस प्रकार से अवैध गतिविधियों को छुपाने के लिए शेल कंपनियों और विदेशी संस्थाओं का उपयोग किया जा रहा है। प्रवर्तन निदेशालय की इस कार्रवाई से उम्मीद है कि इस अवैध नेटवर्क को तोड़ने और इसे संचालित करने वाले लोगों को न्याय के कटघरे में लाने में सफलता मिलेगी।